लोगो की चालाकी देखकर, हम चालाकी भूल गए... लोगो की चालाकी देखकर, हम चालाकी भूल गए...
आज तू मयस्सर नहीं मेरे रूबरू तनहा शायर हूँ आज तू मयस्सर नहीं मेरे रूबरू तनहा शायर हूँ
अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ
यह सब हो गई बीती बातें हैं अब तो भूल गए सब। यह सब हो गई बीती बातें हैं अब तो भूल गए सब।