लोगो की चालाकी देखकर हम चालाकी भूल गये.... तनहा शायर हूँ मयस्सर रूबरू तनहा शायर हूँ मुसाफिर गाँव शहर तनहा शायर हूँ अब रोता क्यों है तनहा शायर हूँ कोई ख्वाब मुकम्मल नज़र तनहा शायर हूँ यादें भूल गये

Hindi हम चालाकी भूल गये....तनहा शायर हूँ Poems